विश्वास ने कहा, जब सब चीजें बिक जाएंगी और हर जुबान बोलने से डरेगी तो ऐसे में कवि मंच ही होगा जो सत्य को खुलकर कविताओं के माध्यम से बोलेगा।पहली पायदान पर कवि पार्थ नवीन मंच पर अाए अाैर उन्हाेंने आसाराम और सलमान खान के केस को व्यंग्य और पैरोडी के रूप में सुनाया। "चिंकारा चिंकारा, खटिया खड़ी कर दी चिंकारा...' और "चिंता का चिता चिता...' गीत पर आधारित पैरोडी सुनाई। पैरोडी, हास्य व्यंग्य और शृंगार रस के इस मंच पर अगली पायदान पर थे कवि तेज नारायण बैचेन । उन्होंने सुनाया, "जर्दा है जर्दा है जर्दा है जर्दा, जर्दे में डूबे जर्दानशीं हैं, जर्दानशीं को मुर्दा ना कर दूं तो अकबर मेरा नाम नहीं... से खूब तालियां बटोरी। इंटरनेशनल कवि शर्मा ने समसामयिक मुद्दों को गंभीरता से हटाकर हास्य के रंग में रंगा और दर्शकों को चिंता के सागर से निकालकर हास्य की दुनिया में पहुंचाया। महिला युवा कवि आयुषी राखेचा ने युवाओं और शृंगार विषय पर कविताएं पढ़ीं। उन्होंने जोधपुर शहर के लिए खास कविता सुनाई। "दाल बाटी की ये गंध, मिर्ची बड़े की सुगंध...' पर खूब तालियां भी बजी। उन्होंने शृंगार रस पर भी रचनाएं सुनाई, "साजन ने एक खत भेजा है अक्षर-अक्षर, प्यार लिखा, चंचल चितवन कोमल यौवन जोड़ा कली कचनार लिखा है...'।
खूबसूरत जिंदगानी चाहिए तो हंस कर हर चेहरे को स्वीकार कर लेना